समय से पहले जवान होने वाले बच्चों का रिजल्ट आता है खराब, जानिए क्यों

आपने अपने दैनिक जीवन में कही ऐसे बच्चे देखे होंगे जिनकी हकीकत में उम्र बहुत कम होती है लेकिन देखने में वे काफी जवान नजर आते है। ऐसा प्राकृतिक रूप से नहीं होता बल्कि एक हार्मोन की वजह से होता है। युवावस्था में प्यूबर्टी (यौवन से संबंधित) हॉर्मोन सीखने की क्षमता को में बाधा डालते है। शोधकर्ताओं के अनुसार ये हार्मोन मस्तिष्क के एक विशेष हिस्से को प्रभावित करते है। 
इस संबंध में किए गए शोध का प्रमुख हिस्सा रही बार्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एसोसिएट प्रोफेसर व लेखक लिंडा विलब्रेख्त ने कहा, हमने पाया है कि यौवन से संबंधित हॉर्मोन मस्तिष्क के फ्रंटल कॉर्टेक्स के लिए एक ‘स्वीच’ की तरह काम करता है, जो सीखने की क्षमता में रुकावट का काम करता है। विलब्रेख्त ने कहा, ऐसा देखने में आया है कि आधुनिक शहरी परिवेश में लड़कियां तनाव और मोटापे की समस्या के कारण समय से पहले जवान हो रही हैं, जो स्कूलों में उनके खराब प्रदर्शन का कारण बनता जा रहा है। 
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में चुहिया में जब प्यूबर्टी से संबंधित हॉर्मोन इंजेक्ट किया गया, तो उन्होंने उनके फ्रंटल कॉर्टेक्स के तंत्रिका संचार में महत्वपूर्ण बदलाव देखा। ये बदलाव फ्रंटल मस्तिष्क में हुए, जो सीखने, ध्यान देने तथा स्वभाव के नियंत्रण से जुड़े है। अध्ययन का नेतृत्व करने वाले लेखक डेविड पाइकस्र्की ने कहा, हमारी जानकारी में यह पहला अध्ययन है, जो यह दर्शाने में कामयाब हुआ है कि यौवन से संबंधित हॉर्मोन कॉर्टेक्स के तंत्रिका संचार में बदलाव लाते हैं। बता दें यह अध्ययन पत्रिका ‘करेंट बायोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है।


Source: School Life