Suvichar किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही जरूरी है जितना की एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना By rshadmin on Wednesday, April 20, 2016 Share this on WhatsAppकिसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही जरूरी है जितना की एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना Source: Suvichar Share this on WhatsApp Next Post Related Posts Suvichar बेबस किशोर सागर तालाब का बड़प्पन… मैं सारे जीवों को क्षमा करता हूं… Suvichar कुम्हार जब घड़ा बनाता है, तो बाहर से तेज थपथपाता है और… Suvichar अपने दुश्मन को हजार मौके दो