जब से ओपनएआई (OpenAI) कंपनी का एआई – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) बेस्ड चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) आया है, काफी पॉपुलर हो गया है। इसी वजह से दूसरी कई कंपनियों के भी एआई बेस्ड चैटबॉट्स लॉन्च करने का सिलसिला जारी हो गया। एलन मस्क (Elon Musk), ओपनएआई के संस्थापकों में से एक थे और इसके लिए 100 मिलियन डॉलर्स का डोनेशन भी दिया था। ओपनएआई की शुरुआत 2015 में हुई थी। एलन 3 साल इस कंपनी के साथ रहे, जो उस समय एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइज़ेशन था। 2018 में एलन ने ओपनएआई के साथ छोड़ दिया था। चैटजीपीटी की बढ़ती पॉपुलैरिटी के चलते एलन ने भी अपनी कंपनी का एआई चैटबॉट लॉन्च करने की ठानी और अपनी कंपनी एक्सएआई के चैटबॉट ग्रोक को नवंबर 2023 में लॉन्च किया। अब एलन ने इसके बारे में एक बड़ी घोषणा की है।
इस हफ्ते एक्सएआई करेगा ग्रोक को ओपनसोर्स
एलन ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए जानकारी दी कि एक्सएआई ग्रोक को इसी हफ्ते ओपन सोर्स करेगा।
चैटजीपीटी-ओपनएआई पर निशाना साधने के लिए लिया फैसला
एलन ने यह फैसला चैटजीपीटी-ओपनएआई पर निशाना साधने के लिए लिया है। एलन ने कई बार चैटजीपीटी-ओपनएआई के ओपन सोर्स न होने पर निशाना साधा है और अब इसी वजह से उन्होंने अपनी कंपनी के चैटबॉट ग्रोक को ओपन सोर्स करने का फैसला लिया है।
एलन को क्यों नहीं है ओपनएआई और चैटजीपीटी पसंद?
दरअसल एलन ने ओपनएआई को इसी वजह से छोड़ा था कि कंपनी का कोई प्रभाव नहीं था। पर नवंबर 2022 में ओपनएआई ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर बेस्ड चैटबॉट चैटजीपीटी लॉन्च कर दिया और इसके बाद कंपनी की पॉपुलैरिटी और वैल्यू तेज़ी से बढ़ी। आज ओपनएआई की वैल्यू करीब 80 बिलियन डॉलर्स है, जिसकी भारतीय करेंसी में वैल्यू 6 लाख करोड़ रुपये से भी ज़्यादा है।
ऐसे में अब इस कंपनी के अचानक इतना सफल हो जाने से एलन प्रभावित नहीं हैं और समय-समय पर इन पर निशाना भी साधते रहते हैं। ओपनएआई और चैटजीपीटी की सफलता का हिस्सा नहीं होना एक बड़ी वजह है कि एलन को ये पसंद नहीं है।
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Source: Mobile Apps News