IMC 2019 का आखिरी दिन, यहां जानें भारत में पहले 5G वीडियो कॉल से लेकर इसी मांग

नई दिल्ली: IMC 2019: इंडिया मोबाइल कांग्रेस इवेंट का आज आखिरी दिन है। इस इवेंट के दौरान कई टेक कंपनियों ने अपने नए डिवाइस को शोकेश किया। वहीं, इस साल का IMC इवेंट पुरी तरह से 5G नेटवर्क पर केंद्रित रहा।

डिश टेलीकॉम गियर मेकर एरिक्सन ने मंगलवार को यहां इंडिया मोबाइल कांग्रेस में मिलीमीटरवेव (एमएमवेव) पर देश में पहला 5G वीडियो कॉल प्रदर्शित (डेमोंस्ट्रेट) करने के लिए चिपमेकर क्वालकॉम टेक्नोलॉजीज के साथ हाथ मिलाया। स्नैपड्रैगन 850 मोबाइल प्लेटफॉर्म पर स्नैपड्रैगन एक्स 50 5G मॉडम-आरएफ सिस्टम और एरिक्सन के 5G प्लेटफॉर्म के साथ एक स्मार्टफोन का उपयोग करके यह डेमोस्ट्रेशन किया गया।

एरिक्सन साउथ ईस्ट एशिया, ओसियाना एंड इंडिया के प्रमुख नुंजियो मर्तिलो ने कहा, “भारत का 5जी दिशा की यात्रा में आज यह एक महत्वपूर्ण कदम है। 5G के वास्तविक लाभों को साझेदारी और सहयोग के माध्यम से कैसे प्राप्त किया जा सकता है, 5G वीडियो कॉल और क्वालकॉम टेक्नोलॉजी के साथ हमारा दीर्घकालिक सहयोग इस बात का सबूत है।”

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5G वीडियो कॉल करने के लिए 28 गीगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम को इस्तेमाल किया गया। डेमोस्ट्रेशन के एक हिस्से के रूप में मर्तिलो ने आईएमसी 2019 की साइट पर क्वालकॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष राजन वागड़िया को एरिक्सन बूथ पर एक वीडियो कॉल किया।

इस इवेंट के दौरान एरिक्सन के एक शीर्ष कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि भारत में 5G की जबरदस्त मांग है, क्योंकि यह ज्यादा दक्ष है और देश के दूरसंचार आपरेटरों को आने वाले तीन-चार वर्षो में जबरदस्त डेटा वृद्धि का प्रबंधन करने का मौका देगा।

5G वाणिज्यिक नेटवर्क के शुरू होने से मोबाइल ब्राडबैंड में विस्तार होगा, जो स्मार्टफोन यूजर्स के लिए बेहतर अनुभव मुहैया कराएगा और घरों में फाइबर पहुंचाए बिना फाइबर की स्पीड मुहैया करा वायरलेस ACES को सही करेगा।

बंसल ने कहा, “और फिर यह इंडस्ट्री 4.0 के लिए रास्ते खोलेगा और नेटवर्क में लचीलापन लाएगा। इससे नेटवर्क में देरी(डिले इन द नेटवर्क) में गिरावट होगी, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं समेत कई सेक्टरों को ट्रांसफोर्म करने की क्षमता है।”

उन्होंने कहा, “लेकिन 5G के फायदों का मजा उठाने के लिए, पूरे तंत्र को लगना पड़ेगा। स्पेक्ट्रम की नीलामी करनी पड़ेगी और फाइबर को लगाना होगा और इसके साथ ही हमें डिवाइसों की जरूरत पड़ेगी।”

बंसल ने कहा, “मैं इसमें दूरसंचार ऑपरेटरों की काफी रुचि देखता हूं। हालांकि हम कैसे स्पेक्ट्रम को सस्ता बनाएंगे, जैसे मुद्दे भी हमारे सामने हैं।”

नवीनतम एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2018 के अंत तक प्रति स्मार्टफोन मासिक डेटा खपत बढ़कर 9.8 गीगाबाइट हो गया है, जोकि विश्व में सबसे ज्यादा है। 2024 तक, देश में प्रति स्मार्टफोन मासिक डेटा प्रयोग 11 प्रतिशत तक बढ़कर 18 जीबी तक पहुंच जाएगा।


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Source: Gadgets