AI से दो साल बाद आधा कौशल हो जाएगा पुराना

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) (एआइ) (AI) का प्रयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। कार्यबल पर इसके असर को लेकर एक सर्वे के मुताबिक दो साल बाद सभी क्षेत्रों में मौजूद कार्यबल का आधा कौशल अप्रांसगिक हो जाएगा। ऑनलाइन एजुकेशन मंच ईडीएक्स ने हाल ही अलग-अलग कंपनियों के 800 अधिकारियों और इतने ही कर्मचारियों की राय के आधार पर यह सर्वे रिपोर्ट तैयार की। इसमें अधिकारियों ने कहा कि आज उनके यहां जो कार्यबल है, उसका लगभग आधा (49 फीसदी) 2025 तक प्रासंगिक नहीं रहेगा, जबकि 47त्न मानते हैं उनकी वर्कफोर्स भविष्य के कार्यस्थलों पर काम करने के लिए तैयार नहीं है।

अधिकारियों का अनुमान है कि अगले पांच साल में उनकी कंपनी एआइ के कारण प्रवेश स्तर पर नॉलेज वर्कर्स की 56त्न भूमिकाएं समाप्त कर देगा। जबकि 79 फीसदी सी-सूट (शीर्ष अधिकारी) का अनुमान है कि भविष्य में प्रवेश स्तर के नॉलेज वर्कर्स की नौकरियां नहीं होंगी। एआइ के कारण पूरा सिस्टम बदलना होगा। सर्वे की भविष्यवाणियों पर उद्योग जगत के कई दिग्गज अलग राय रखते हैं।

एचसीएल सॉफ्टवेयर के महाप्रबंधक रिचर्ड जेफ्ट्स कहते हैं, मेरे विचार में कॅरियर और लक्ष्यों पर एआइ का तत्काल प्रभाव कम से कम होगा। हालांकि कई कंपनियां एआइ का लाभ उठाने का दावा करती हैं, लेकिन सचाई यह है कि ज्यादातर अब भी इसे अपनाने के लिए झिझक रही हैं या शुरुआती चरण में हैं। एआइ के साथ कार्यों की अदला-बदली करना इतना आसान नहीं है।

मानवीय रचनात्मकता का विकल्प नहीं
वेका के अध्यक्ष जोनाथन मार्टिन सवाल करते हैं, जो पहले से बेहतर काम कर रहा है, वह एआइ से और बेहतर कैसे होगा? निश्चय ही कॅरियर में बाधाएं आएंगी, लेकिन मानवीय रचनात्मकता, चपलता और दृढ़ता का एआइ कभी विकल्प नहीं हो सकता। प्रॉक्टर एंड गेंबल के सीआइओ विटोरियो क्रेटेला का कहना है कि एआइ के ज्यादातर सफल प्रयोग मानव कौशल को बढ़ाएंगे, न कि प्रतिस्थापित करेंगे।

भविष्य के लिए अभी से तैयारी जरूरी
सर्वेक्षण में 92 फीसदी अधिकारियों को लगता है कि अगले दो साल में अपने एआइ कौशल में सुधार करना महत्त्वपूर्ण है, जबकि इतने ही फीसदी का कहना है कि वे पहले ही एआइ का प्रयोग कर रहे हैं। दस में से 8 अधिकारियों को डर है कि यदि एआइ का उपयोग नहीं सीखेंगे तो भविष्य की जरूरतों के मुताबिक उपयोगी नहीं रहेंगे।



Source: Gadgets