क्या सच में COVID-19 की खबर पब्लिश करने पर लगी है रोक, जानें इसके पीछे की सच्चाई

नई दिल्ली: देशभर में कोरोनावायरस से लोग परेशान और डरे हुए हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि सरकार के अलावा अगर कोई भी व्यक्ति कोरोनावायरस से जुड़ी जानकारी लोगों में साझा करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं इस पोस्ट में ये भी दावा किया गया है कि देशभर में आज रात 12 (मध्यरात्रि) से आपदा प्रबंधन अधिनियम ( Disaster Management Act ) लागू किया जाएगा।

इस अधिनियम के तहत सरकारी विभाग के अलावा किसी अन्य नागरिक को कोरोनावायरस से जुड़ी किसी भी अपडेट को पोस्ट करने या इससे संबंधित किसी भी जानकारी को साझा करने की अनुमति नहीं है। अगर कोई ऐसा करते पाया जाता है तो ये एक दंडनीय अपराध है। साथ ही पोस्ट में लिखा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ग्रुप एडमिन इसका ध्यान देते हुए अन्य मेंबर को इसके बारे में सूचित करें और इस नियम का कृपया सख्ती से पालन करें।

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इस फेक न्यूज को सच साबित करने के लिए website LiveLaw .in का लिंक भी शेयर किया गया है, जिसमें लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार चाहती है कि कोई भी मीडिया COVID-19 न्यूज को प्रकाशित नहीं करें। बता दें कि ये खबर पूरी तरह से गतल है और सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, कोरोनोवायरस से संबंधित समाचार पोस्ट करने वाले व्यक्तियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाई गई है। इसके अलावा LiveLaw वेबसाइट ने एक लिंक साझा की है जिसमें उन्हें साफ लिखा है कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल करके फर्जी खबर वायरल की जा रही है। अगर आपके पास भी ऐसी कोई खबर आती है तो ध्यान न दें। वहीं कोरोनावायरस से जुड़ी किसी भी जानकारी से के लिए सरकारी साइट्स व ऐप का सहारा लें ताकि फर्जी खबरों से सावधान रहे सकें।



Source: Mobile Apps News