चीनी स्कैमर्स फर्जी एप्स के जरिए लोन चाहने वाले भारतीयों को ऐसे बनाते हैं निशाना

साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पाया है कि चीनी स्कैमर्स (Chinese Scammers) भारत में हजारों पीडि़तों को पर्याप्त ऋण और आसान पुनर्भुगतान के झूठे वादे के साथ लुभाने के लिए अवैध तत्काल ऋण एप्स का उपयोग कर रहे हैं। शुक्रवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। ये स्कैमर्स व्यक्तिगत जानकारी और शुल्क लेकर गायब हो जाते हैं। साइबर सुरक्षा (Cyber Safety) कंपनी क्‍लाउडसेक के अनुसार, ये स्कैमर्स चीनी भुगतान गेटवे और भारतीय मनी म्यूल्स का उपयोग करके कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई से बच रहे हैं।

क्लाउडएसईके के वरिष्ठ सुरक्षा विश्लेषक स्पर्श कुलश्रेष्ठ ने कहा, एक उल्लेखनीय प्रवृत्ति जो हमने देखी है वह यह है कि स्कैमर्स चीनी भुगतान गेटवे का उपयोग करते हैं जिनका इस्‍तेमाल आसान और नियामक जांच सीमित होती है। ये गेटवे भारत के बाहर धन पहुंचाने के लिए एक सुविधाजनक रास्‍ता प्रदान करते हैं, परिष्कृत तकनीकों का लाभ उठाते हैं जो क्षेत्राधिकार की सीमाओं को धूमिल कर देते हैं, जिससे पैसे के लेन-देन को ट्रैक करना और रोकना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

यह पड़ताल 8 सितंबर को शुरू हुई, जब शोधकर्ताओं ने पाया कि साइबर अपराधी 230 लाख डॉलर के कथित राजस्व के साथ तमिलनाडु में मुख्यालय वाले एक प्रमुख बैंक का प्रतिरूपण करते हुए एक दुर्भावनापूर्ण एप का विज्ञापन कर रहे हैं। जुलाई से सितंबर तक साइबर अपराधियों ने फर्जी चीनी पेमेंट गेटवे के जरिए खुद को बैंक बताकर करीब 37 लाख रुपए जुटाए। रिपोर्ट में पाया गया कि 55 से अधिक हानिकारक एंड्रॉइड एप्स विभिन्न चैनलों के माध्यम से वितरित किए गए हैं।

शोधकर्ताओं ने इस धोखाधड़ी योजना में शामिल चीनी व्यक्तियों द्वारा संचालित 15 से अधिक भुगतान गेटवे की पहचान की। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी व्यक्ति इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, ब्राजील, तुर्की, वियतनाम, फिलीपींस और कोलंबिया सहित कई देशों में इन धोखाधड़ी वाले भुगतान गेटवे का संचालन करते हैं।

चीनी स्कैमर्स के तौर-तरीकों में फर्जी इंस्टेंट लोन एप्स बनाना, अवैध एप्स को बढ़ावा देना, व्यक्तिगत जानकारी और प्रोसेसिंग शुल्क भुगतान की मांग करना और फिर भुगतान के बाद गायब हो जाना शामिल है। शोधकर्ताओं ने वित्तीय संस्थानों, नियामक अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित सभी हितधारकों से सतर्क रहने और भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के लिए इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

-आईएएनएस



Source: Mobile Apps News