इस गर्मी एक नया AC खरीदने से पहले जान लें ये बेहद जरूरी बातें, वरना लग सकती है तगड़ी चपत

Air Conditioners : गर्मियां शुरू हो चुकी हैं, और इस बार ऐसा अनुमान है कि गर्मी थोड़ी ज्यादा पड़ सकती है। ऐसे में हमारे घरों को सही राहत देने के लिए स्पष्ट रूप से एक एयर कंडीशनर एक बढ़िया विकल्प है । इस समय बाजार में कई सारे ब्रांड्स के AC आपको आसानी से देखने को मिल जायेंगे, सभी कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए एक से बढ़कर एक फीचर्स का सहारा लेती हैं। अब ऐसे में एक नया AC खरीदने से पहले कुछ बुनियादी बातों पर देना देना भी बहुत जरूरी होता है, वरना गलत AC खरीदने के बाद आपको पछताना पड़ सकता है और आपके पैसों की भी बर्बादी होगी। अगर एक अच्छा AC मिले तो गर्मी बिना किसी दिक्कत के आसाम से कट जाती है और फिर घर में सुकून के पल बिताने में मज़ा आता है और घर के अंदर आपका समय दिन का पसंदीदा हिस्सा बन सकता है। यहां हम आपको एक नया AC खरीदने को लेकर कुछ आसान टिप्स की जानकारी दे रहे हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद भी सभी हो सकते हैं।


कमरे के हिसाब से चुने AC:

एक नया AC जब भी चुने तो आपको अपने कमरे के हिसाब से टन के रूप में AC खरीदना चाहिए। मान लीजिये अगर आपके कमरे का साइज़ 10X10 है तो आपके लिए एक टन का AC उपयुक्त रहेगा। यह आपके कमरे को आसानी से ठंडा कर देगा। इसके अलावा अगर आपका कमरा इससे बड़े साइज़ (10×15)को है तो आप 1.5 Ton या 2 Ton का AC खरीदें।


विंडो या स्प्लिट:

देखिये यह आपकी पर्सनल चॉइस हो सकती है। आजकल ज्यादातर फ्लैट्स में विंडो AC लगाने की जगह नहीं होती है जिसकी वजह से स्प्लिट AC खरीदना पड़ता है। लेकिन अगर आपके घर में विंडो AC लगाने की सही जगह है तो फिर आप स्प्लिट एसी न खरीदकर विंडो एसी ही खरीदें क्योंकि इनका रखरखाव न सिर्फ आसान है बल्कि कूलिंग भी डायरेक्ट होती है और बेहतर कूलिंग मिलती है।

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कितने स्टार का AC खरीदें:

मार्केट में 2 स्टार, 3 स्टार, 4 स्टार और 5 स्टार रेटिंग वाले AC उपलब्ध है, इसका मतलब है कि जो AC जितने अधिक स्टार्स वाला होगा, वो उतनी ही कम बिजली खर्च करेगा।अगर आपका पूरा दिन AC यूज़ करते हैं तो आपको 4 स्टार या 5 स्टार पर जाना चाहिए, हालाकि यह थोड़ा महंगा जरूर होगा लेकिन यह बाद में बिजली की काफी बचत करके आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा। और अगर आप बहुत ज्यादा AC का इस्तेमाल नहीं करते तो फिर आप 2 स्टार या 3 स्टार पर जा सकते हैं।


इन्वर्टर या नॉन इन्वर्टर AC:

नॉन इन्वर्टर एसी में कंप्रेशर तय टेंप्रेचर के बाद बंद हो जता है और फिर जैसे ही रूम का टेंप्रेचर बढ़ता है तो वो चालू हो जाता है। बार-बार कंप्रेशर के चालू और बंद होने से इलेक्ट्रिसिटी काफी ज्यादा लगती है और कंप्रेशर खराब होने के चांस भी ज्यादा होते हैं। वहीं इन्वर्टर एसी में कंप्रेशर बार-बार बंद नहीं होता बल्कि उसकी स्पीड स्लो हो जाती है। जैसे आपने 20° टेंप्रेचर सेट कर दिया तो जैसे ही रूम का टेंपरेचर 19° तक आएगा तो एसी का कंप्रेशर स्लो डाउन हो जाएगा। बंद नहीं होगा बल्कि स्पीड कम हो जाएगी। जैसे ही रूम का तापमान बढ़ेगा तो फिर कंप्रेशर तेजी से चलकर उसे 19-20° तक ले जाएगा।

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कंडेनसर कॉइल का रखें ध्यान:

AC में दो तरह के कंडेनसर कॉइल आते हैं। एक एलुमिनियम और दूसरे कॉपर कॉइल। एलुमिनियम कॉइल का मेंटेनेंस महंगा है और साथ ही इसकी लाइफ भी कम होती है और आगे चलकर रिपेयरिंग का भी खर्चा काफी ज्यादा आता है। वहीं कॉपर कॉइल की लाइफ लंबी होती है। मेंटेनेंस भी सस्ता होता है और रिपेयरिंग भी काफी सस्ती होती है। ऐसे में हमेशा कॉपर कॉइल वाला एसी ही खरीदें। हालांकि कॉपर कंडेनसर वाले एसी थोड़े महंगे आते हैं लेकिन ये रिपेयरिंग में आपके काफी पैसे बचाते हैं।

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Source: Gadgets